हमारी ज़िन्दगी कितनी फ़ास्ट हो गयी है. हर पल बस भागते रहते है कल को बेहतर बनाने के लिए. पर क्या कभी किसीने सोचा के ऐसा क्यों है? हम कल के चक्कर में आज को जीना ही भूल गए है. कल अच्छा हो उस के लिए हम आज को कुर्बान कर बैठे है. लेकिन क्या हम्मेसे कोई ये समज पाया है के यही कल आज में तब्दील होगा? वही आज जिसे हम कल के लिए जीते है. जब पूछा जाता है ऐसा क्यों है तो हम कहते है के कम्पटीशन बढ़ गया है क्या कर सकते है? इस दौड़ में बने रहना है तो भागना तो पड़ेगा ही.
पर आपको नहीं लगता के ये इसका सही जवाब नहीं है. हम इसलिए नहीं भागते क्योंकि हमे इस दौड़ में बने रहना है. पर हम इसलिए भागते है क्योंकि हम डरते है. अब आप ये सोच रहे होंगे के डर, केसा डर?
ये डर की दो वजह हो सकती है. या तो हम इसलिए डरते है क्योकि हम नहीं जानते के कल क्या होगा. हम नहीं जानते के हमारे आने वाले कल में हमारे साथ क्या होगा, कौन होगा, केसा होगा. हम डरते है की अगर कल हालात बुरे हुए तो! और बुरी ज़िन्दगी कौन जीना चाहेगा? शायद इसलिए हम अपने आज में कल को तैयार करने में जुट जाते है. ताकी हम अपना कल अपनी तरीके से जी सके, जैसा हम चाहे वैसा.
पर इस डर का एक और कारण भी हो सकता है. कई बार ऐसा भी होता है के हमे मालूम हो के हमारे आने वाले कल में हमारे साथ क्या होने वाला है, शायद एक छोटासा आभास ही हो. पर वो आभास और भी डरावना होता है. आप सोच रहे होंगे के कुछ ना मालूम होनेसे तो बेहतर है के कुछ तो जानते है. पर ऐसा होता नहीं. अगर हमे जरासा भी आभास हो के हमारे कल में क्या लिखा है तो कईबार ये और भी डरावना होजाता है. जानते है क्यों? क्योकि शायद हम नहीं चाहते है हमारा कल वैसा हो. इसलिए हम डरते है उस कल के खयाल से उस पल के ख्यालसे जिसे हम नहीं देखना चाहते जिसे हम नहीं महसूस करना चाहते है. और अगर हम उस कल को जीना चाहते है तो ये डर सताने लगता है के अगर वैसा ना हुआ जैसा हमे लगता है तो?
कई बार तो समज नहीं आता क्या करे? क्या ना करे? हम ऐसी दुविधा में होते है के किसी को कुछ बता भी नहीं सकते. बस सोचते रेह जाते है परेशान अकेले घबराते हुए ... हमे लगता है मानो ज़िन्दगी यही रुक जाए जहां हम आज को खुलके जीए. इस आज को महसूस करे. बस और कोई चाहत ना हो. ना कल का कोई डर.
काफि खुश हुआ ये पढ के...
ReplyDeleteऐसे हि लिखती रहिये आप बस इतनी सी दुआ है हमारी...
Ji shukriya... professor...
Deleteमोदीजी के बाद आपको रख देंगे मन की बात को आगे बढाने को... :)
ReplyDeleteArrey bejhijhak
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